मानवता का पाठ पढ़ लिया, इस जीवन रूपी क़िताब में! अपनों से प्यार करूं मैं ख़ूब, न रखूं उ मानवता का पाठ पढ़ लिया, इस जीवन रूपी क़िताब में! अपनों से प्यार करूं मैं ख़ूब...
आधुनिकता के सभी साधनों से परिपूर्ण मैं प्रसन्न था ,पर सन्तुष्ट नहीं आधुनिकता के सभी साधनों से परिपूर्ण मैं प्रसन्न था ,पर सन्तुष्ट नहीं
सदाचार का पाठ हो , घर-घर सुबह व शाम। काम क्रोध मद दूर हो, नहीं रहे मन काम। सदाचार का पाठ हो , घर-घर सुबह व शाम। काम क्रोध मद दूर हो, नहीं रहे मन काम।
तुम्हें इस काबिल बनाने में ही उन्होंने अपना पूरा जीवन बिताया ! तुम्हें इस काबिल बनाने में ही उन्होंने अपना पूरा जीवन बिताया !
सुबह सवेरे उठते ही पहले सी पी यू के बटन दबाने होंगे। सुबह सवेरे उठते ही पहले सी पी यू के बटन दबाने होंगे।
काश ! वह लौट आए बचपन रिश्तों में रहता था कितना अपनापन। काश ! वह लौट आए बचपन रिश्तों में रहता था कितना अपनापन।